जवाबदेही यात्रा पहुंची इटावा एवं पीपल्दा
पेंशन और राशन के लिए भटकते लोग
प्रेस विज्ञप्ति
10 जनवरी
आज जवाबदेही यात्रा सुल्तानपुर से निकलकर इटावा में पहुंची जहाँ पर मुख्य बाजार में रैली निकाली रैली में सवाल है सवाल है, जवाब दो और जवाब क्यों नहीं दो के नारे लगाये गए. इटावा के मुख्य चौराहे पर की गई नुक्कड़ सभा में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया.
अभियान से जुड़े हरिओम सोनी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में गरीबों और वंचितों के बच्चे ही सरकारी स्कूल में जाते हैं और वहां पर अध्यापक नहीं है और अध्यापक हैं भी तो पढ़ाते नहीं हैं, सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक के बच्चे प्राइवेट स्कूल में जाते हैं क्योंकि वो भी जानते है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती हैं. सरकारी स्कूलों पर सर्कार बहुत बड़ा खर्च करती है उसका परिणाम कुछ भी नहीं होता है इसलिए सरकार में काम करने वालों के बच्चे चाहे वह सरकारी कर्मचारी, अधिकारी, जज, या अन्य कोई नौकरशाह क्यों नहीं हों सभी के बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजना अनिवार्य किया जाये तो सरकारी स्कूलों की व्यवस्था बहुत जल्दी सुधर सकती है.
सभा में उपस्थित लोगों ने यात्रा के समर्थन और जवाबदेही कानून की पुरजोर मांग की. यात्रा में चल रहे स्वयंसेवकों ने स्थानीय लोगों की शिकायतें दर्ज की जिन्हें 12 जनवरी 2016 को जिला स्टार पर होने वाले जवादेही मेले के दौरान जिला प्रशासन के शामने रखा जायेगा.
दर दर की ठोकरें खाती सुमित्राबाई
इटावा के पंचायत समिति परिसर में लिखवाई गई शिकायतों में वृद्धोंजनों को पेंशन पिछले 4-5 महीनो से नहीं मिल रही है, सुमित्रा बाई ने बताया कि उनकी पेंशन पिछले 5 माह से नहीं मिल रही है. सुमित्राबाई की उम्र 70 साल है और एक आंख से देख नहीं सकती है साथ ही उनकी एक ऊँगली और एक आँख ख़राब होने की वजह से आधार कार्ड भी नहीं बन रहा है. आधार कार्ड नहीं होने की वजह से उनका बैंक वालों ने खाता खोलने से इंकार कर दिया है. बैंक खाता नहीं होने की बजह से ना उनको पेंशन मिल रही है ना ही राशन मिल पा रहा है. यहाँ पर आधार कार्ड की अनिवार्यता किस प्रकार गरीब लोगों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है.
इटावा की राम कन्या के यहाँ पिछले पिछले 5 साल से बिजली का कनेक्शन ही नहीं है फिर भी 40454 का बिल आया है. वह गरीब है और झोंपड़ी में रहती है. जब वह इसकी शिकयत लेकर विद्युत विभाग गयी तो विभाग वालों ने कहा कि बिजली बिल तो देना ही पड़ेगा. ऐसे में राम कन्या ने कहा कि ऐसे सरकारी कर्मचारियों को दण्डित करना बहुत जरुरी है जो गरीबो को परेशान करते है.
इटावा कुछ समय पहले ही नगर पालिका बना है जिसकी वजह से लोगों को बहुत दिक्कतें हो रही है. लोगो ने बताया की स्वच्छ भारत अभियान में बने शौचालय का भुगतान इसलिए रोक दिया है क्यूंकि उन्होंने शोचालय इटावा के नगर पालिका बनने से पहले बनाये थे. शिकायत कैंप में आये एक युवा ने बताया की इटावा को नगर पालिका बना दिया परन्तु रोजगार की स्थिति जस की तस है बनी हुई है बल्कि नरेगा का चलने वाला काम भी बंद हो गया है. इटावा के लोगों ने शहरी रोजगार गारंटी कानून की मांग की.
इटावा से निकलकर यात्रा पीपल्दा पहुंची जहाँ पर पीपल्दा में हुई सभा में अभियान से जुड़े सांवरलाल गाड़िया लुहार ने कहा कि आजादी के बाद से लेकर आज तक घुमंतुओं और वंचितों को हमेशा दबाया गया है और आज भी उन्हें ही राशन, पेंशन और नरेगा में काम नहीं मिल रहा है इसलिए अब मिलकर एकजुट होना होगा तभी हम अपने अधिकार ले पाएंगे.
सभा में लगभग 300 लोगों ने भाग लिया और जवाबदेही कानून के समर्थन में हस्ताक्षर किये और जन सहयोग दिया और जवाबदेही के इस अभियान से जुड़ने की इच्छा जताई.
उल्लेखनीय है की जवाबदेही यात्रा सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान द्वारा 1 दिसंबर 2015 को जयपुर के शहीद स्मारक से शुरू हुई थी जो अभी तक राज्य के 12 जिलों में जा चुकी है और कोटा 13 जिला है. यह यात्रा राज्य के सभी 33 जिलों में जाएगी और अंत में 10 मार्च 2016 को जयपुर पहुंचेगी जहाँ पर सरकारी कर्मचारियों, अधिकारीयों और जन प्रतिनिधियों की जवाबदेही की मांग करेगी.
निखिल डे, शंकर सिंह, चन्द्रकला शर्मा, कमल, हरिओम, मुकेश, अमित तथा अन्य साथी
सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान, राजस्थान की ओर से
संपर्क करे: निखिल डे- 9414004180,मुकेश-9468862200,कमल-9413457292, हरिओम-9413831761
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