Poem
Posted: January 2, 2016
अर, र,र, मांकी मजदूरी घट जावे रे, कर्मचारीयो की तनखा देखो बढती जावे रै । सो रूपया की मजदूरी में नरेगा में जाऊं । खोद चोकङी पूरी करके तबही में घर आऊं मांके पेलन्टी लगावें रे कर्मचारीयो की तनखा देखो बढती जावे अर र, र, मांकी मजदूरी घट जावे रे कर्मचारीयो की तनखा […]