Poem
अर, र,र, मांकी मजदूरी घट जावे रे,
कर्मचारीयो की तनखा देखो बढती जावे रै ।
सो रूपया की मजदूरी में नरेगा में जाऊं ।
खोद चोकङी पूरी करके तबही में घर आऊं
मांके पेलन्टी लगावें रे कर्मचारीयो की तनखा देखो बढती जावे
अर र, र, मांकी मजदूरी घट जावे रे
कर्मचारीयो की तनखा देखो बढती जावे रै ।
नेता जी का ठाट […]