[1/13/2016, 17:48] +91 94618 44343: प्रेस विज्ञप्ति

13.01.2016

आदिवासियों ने भरी हुंकार, नहीं सहेंगे अत्याचार

बारां के विवेकानंद पार्क में लगा जवाबदेही मेला, उठी एक पुख्ता जवाबदेही कानून की मांग

बारां, राजस्थान

कोई राशन के लिए राशन दुकान के चक्कर लगाते लगाते थक गया है तो किसी को कई महीनों से पेंशन नहीं मिली है. किसी को वन अधिकार कानून के तहत पट्टे नहीं मिले हैं तो कोई नरेगा में काम से वंचित है. ऐसे कितने ही मामले आज यहाँ विवेकानंद पार्क में लगे जवाबदेही मेले में देखने को मिले. उल्लेखनीय है कि सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान ने पिछले 1 दिसंबर को जयपुर से एक जवाबदेही यात्रा की शुरुआत की थी. सरकारी तंत्र की जवाबदेही सुनिश्चित करने वाले एक प्रभावी कानून की मांग को लेकर चल रही यह यात्रा अब तक 12 जिलों में जा चुकी है और बारां इस यात्रा का तेरहवां जिला है. यात्रा से जुड़े शंकर सिंह ने बताया कि यात्रा राजस्थान के सभी 33 जिलों में जाएगी और 10 मार्च, 2016 को जयपुर में एक राज्य-स्तरीय अधिवेशन के साथ इस यात्रा का समापन होगा.

मेले में हुई सैकड़ों शिकायतें दर्ज

बुधवार को विवेकानंद पार्क में यात्रा टीम द्वारा एक कैम्प लगाकर लोगों की प्रशासन से सम्बंधित शिकायतें दर्ज की गयीं. डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन के नागेन्द्र ने बताया कि यहाँ तीन ही घंटों में सैकड़ों शिकायतें दर्ज हुईं. उन्होंने बताया कि पेंशन कई महीनों से न मिलने, सहरिया जनजाति के लिए विशेष पैकेज का लाभ न मिलने, वन अधिकार के पट्टे न मिलने सहित कई मुद्दों से सम्बंधित शिकायतें यहाँ दर्ज हुईं. उन्होंने बताया कि इन सभी शिकायतों को राजस्थान संपर्क पोर्टल के ज़रिये दर्ज किया जायेगा साथ ही शिकायत-कर्ता जवाबदेही यात्रा के हेल्पलाइन नंबर – 8890406072 पर भी संपर्क कर अपनी शिकायतों के निस्तारण सम्बन्धी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

आदिवासियों के वन अधिकारों की भारी अनदेखी

विवेकानंद पार्क में उमड़े जनसैलाब को संबोधित करते हुए संकल्प संस्थान (बारां) के रमेश जी ने आदिवासियों के अधिकारों की अनदेखी को रेखांकित करते हुए कहा कि सिर्फ शाहाबाद में ही वन अधिकार सम्बन्धी 300 दावे हुए जिनमें से सिर्फ 93 को ही प्रशासन ने स्वीकृति दी है. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में 450 से भी अधिक वन भूमि के पट्टे सम्बन्धी आवेदन किये गए हैं लेकिन प्रशासन की ओर से कोई उचित कार्यवाही आज तक नहीं हुई. उन्होंने कहा कि पूरे इलाके में 2400 से भी अधिक दावे वन अधिकार कानून के तहत हुए लेकिन अब तक सिर्फ 700 के आस-पास ही लोगों को पट्टे मिले हैं. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सामुदायिक वन अधिकारों की हालत तो और भी ज्यादा ख़राब है. उन्होंने बताया कि 240 से भी ज्यादा सामुदायिक दावे अब तक उनके हस्तक्षेप से हुए हैं लेकिन आज तक एक भी मामले में सामुदायिक दावों को सरकार ने स्वीकृति नहीं दी है. उन्होंने कहा कि हमें अब मिलकर अपने हकों के लिए आवाज़ बुलंद करनी होगी और चाहे ये संघर्ष कितना भी लम्बा चले हमें उसके लिए तैयार रहना होगा.

आखिर कब तक रहेंगी सरकारें मौन

सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान के निखिल डे ने इस अवसर पर कहा कि आज़ादी मिलने और एक संवैधानिक लोकतंत्र के देश में आने के बावजूद आज भी गरीब और वंचित लोगों को अपने अधिकारों को प्राप्त करने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ती है. उन्होंने कहा कि जो सरकारी तंत्र लोगों की मदद करने के लिए बना था वही आज लोगों के शोषण का कारण बन गया है. उन्होंने कहा कि सूचना के अधिकार, रोज़गार गारंटी के अधिकार आदि के लिए भी राजस्थान तथा बारां जिले के लोगों ने संघर्ष किया था. उपस्थित जनता का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि अब एक ऐसा कानून बनाने के लिए हमें संघर्ष करना होगा जिसमें सरकारी अधिकारिओं और कर्मचारिओं के रिश्वत मांगने या भ्रष्टाचार के दोषी पाए जाने पर उन पर ठोस कार्यवाही का प्रावधान हो, साथ ही सभी सरकारी कर्मचारिओं के काम के स्पष्ट जॉब-चार्ट भी बनें और यदि जनता को सरकारी तंत्र की अकर्मण्यता की वजह से अपने हक न मिलें तो उन्हें उचित मुआवजा भी मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकारें अब जनता के सवालों को ख़ामोशी से टाल नहीं सकती, इस जवाबदेही कानून की मांग को अब सरकार को पूरा करना ही होगा.

अधिकारिओं से मिला प्रतिनिधि मंडल

कैम्प में शिकायतें दर्ज करने के बाद यात्रा एक रैली के रूप में जिला कलक्टर कार्यालय पर पहुंची. एक किलोमीटर से भी लम्बी इस रैली को पूरे रस्ते देखने वालों का ताँता लगा रहा. कलेक्टर कार्यालय पर यात्रा का एक प्रतिनिधि मंडल जिला प्रशासन से मिला. इस प्रतिनिधि मंडल में सूचना एवं रोज़गार अभियान के निखिल डे, संकल्प संस्थान बारां के प्रशांत पाटनी, विजय मेहता, गजराज, रमेश, ग्यारसी बाई, यशोदा बाई, तथा डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन के नागेन्द्र तथा अभियान के अन्य साथी शामिल थे. प्रशासन की ओर से अतिरिक्त जिला कलक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला रसद अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी, समाज कल्याण विभाग तथा अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे.

राशन सम्बन्धी शिकायतों पर जिला रसद अधिकारी ने आश्वासन दिया कि सभी राशन दुकानों पर खाध्य सुरक्षा लाभार्थिओं की सूची चस्पा की जाएगी. साथ ही ई-मित्र केन्द्रों पर मुहमांगी राशी वसूले जाने पर अतिरिक्त जिला कलक्टर ने कहा कि सभी ई-मित्र केंद्र संचालकों को निर्देश दिए जायेंगे कि वे विभिन्न सुविधाओं की रेट-लिस्ट अपने केन्द्रों के बाहर लगायें और ये साफ़ तौर पर लिखें कि विभिन्न सुविधाएं प्राप्त करने की निर्धारित फीस क्या है. उन्होंने यह भी कहा कि अनियमितता पाए जाने पर इन संचालकों के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी. साथ ही अन्य मुद्दों पर भी शीघ्र और उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया.

कल किशनगंज में जवाबदेही यात्रा

यात्रा से जुड़े फ़िरोज़ खान ने बताया कि यात्रा द्वारा कल किशनगंज के शीशबाग में एक जवाबदेही मेला लगाकर शिकायतें दर्ज की जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों तक यात्रा बारां जिले में रहेगी और जिले की अलग-अलग तहसीलों और गाँवों में जाकर जवाबदेही कानून के लिए जन-समर्थन हासिल करेगी. उन्होंने बताया कि यात्रा के हस्ताक्षर अभियान को भी जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है.

निखिल डे, शंकर सिंह, प्रशांत पाटनी, रमेश, विजय, गजराज, ग्यारसी बाई, गजानंद, फ़िरोज़ खान , ब्रह्मचारी, हरिओम, कमल, मुकेश, अमित, पूर्वी, रजत तथा अन्य साथी

सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान, राजस्थान की ओर से

संपर्क – निखिल डे – 9414004180, फ़िरोज़ खान –9461844343

कमल – 9413457292

हरिओम – 9413831761 अमित -09873522104