देवली देवी जवाबदेही मेले में इंदिरा आवास योजना में घर नही बनने की शिकायत दर्ज करने आई थी. उनके पास रहने के लिए घर नही है. वो अपनी जेठानी के घर में रह रही है.

देवली देवी के साथ उमका 12 वर्ष का बेटा, अक्षय, भी आया था. अक्षय जन्म से एक हाथ और एक पैर से विकलांग है. फॉर्म भरकर भी, अक्षय की पेंशन अभी तक चालू नहीं हुई है.

स्कूल में अक्षय को उसके सहपाठी छेड़ते है जिसके कारण जिसके कारण अक्षय ने उन बच्चों पर हाथ उठाया है. इसी के कारण उसकी क्लास टीचर ने उसकी माँ से अक्षय को घर ले  जाने कहा. पिछले 1-2 महीनों से अक्षय स्कूल नही जा रहा. उसका नाम स्कूल में चल रहा है.

जब अक्षय की माँ मज़दूरी (झाड़ू-पोछा) पर चली जाती है, तब अक्षय सड़क के किनारे खेलता रहता है. कुछ विकलांग, पागल समझकर उसे पैसे दे जाते हैं, जिससे अक्षय का ध्यान भटकता जा रहा है. उसका मन पढ़ाई से ज़्यादा लोगों से पैसे लेने में लगने लग गया.

देवली देवी को महीने के रु. 3000 पगार मिलती है जिससे वो अपना घर चलाती है. पति कोई खर्चा नही देता. अक्षय जैसे सभी बच्चों को पेंशन, राशन, शिक्षा और घर की ज़रूरत है. हमारी सरकार ने इतनी सारी योजनाएँ चला रखी हैं पर इनका फायदा पता नहीं कब अक्षय और उस जैसे तमाम बच्चों तक पहुँचेगा.