सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान द्वारा चलाई जा रही जवाबदेही यात्रा कल
देर शाम बसावा में पहुंची और एक नुक्कड़ सभा कर लोगों को जवाबदेही यात्रा
के उद्देश्यों के बारे में बताया.
इस सभा को संबोधित करते हुए सूचना रोज़गार अभियान के निखिल डे ने कहा कि
आखिर हम सरकार किसलिए बनाते हैं? क्यों सरकारी अधिकारिओं और कर्मचारिओं
को तनख्वाह और तमाम सुविधाएं दी जाती है इसीलिए कि आम जनता का जीवन सुगम
बने और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवनयापन के लिए मूलभूत सुविधाएं मिलें लेकिन
आज व्यवस्था में बैठे लोग जनता का शोषण करने में लगे हुए हैं. उन्होंने
कहा कि मोटी तनख्वाहें पाने वाले सरकारी अधिकारी और कर्मचारी या फिर जनता
की सेवा के नाम पर जन-प्रतिनिधि बने लोग इन सबकी जनता के प्रति क्या
जवाबदेही है ये सबसे बड़ा सवाल है और इसी सवाल का जवाब ढूंढते हुए पिछले
73 दिनों से राजस्थान भर के 23 जिलों में जवाबदेही यात्रा घूम रही है और
लोगों से जवाबदेही कानून के लिए समर्थन ले रही है.
उल्लेखनीय है कि सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान द्वारा चलाई जा रही इस
यात्रा का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी मजबूत और जनोपयोगी जवाबदेही व्यवस्था के
लिए मांग करना है जिसमें ठीक से काम न करने वाले सरकारी कर्मचारिओं पर
पेनल्टी लगने, सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हुए नागरिकों को उचित
मुआवजा मिलने, और भ्रष्टाचार के आरोपी कर्मचारिओं पर कठोर कार्यवाही किये
जाने के प्रावधान हों.
गोठडा के संघर्ष को किया सलाम
गोठडा में यात्रा टीम ने एक रैली निकाली जिसमें विद्यार्थिओं ने भी भाग
लिया. रैली के बाद हुई सभा में कप्तान दीप सिंह ने यात्रा का स्वागत करते
हुए कहा कि ऐसे पावन उद्देश्य को लेकर चली इस यात्रा को हम पूरा समर्थन
देते हैं. उन्होंने कहा कि यही वे लोग हैं जो कि सूचना के अधिकार और
नरेगा जैसे कानूनों के लिए लडे थे और अंततः सफलता हासिल की थी और आज जब
ये लोग जवाबदेही कानून के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो हम सबको ये चाहिए कि
हम इनका पूरा सहयोग करें क्यूंकि अंततः जिन मुद्दों के लिए ये लड़ाई लड़ी
जा रही है वे किसी एक गाँव या जिले या राज्य तक सीमित नहीं हैं बल्कि
लोकतंत्र को सही अर्थों में स्थापित करने के लिए बेहद ज़रूरी है.
इस सभा को संबोधित करते हुए अभियान के शंकर सिंह ने कहा कि ज़मीन के चले
जाने के बाद एक गरीब मजदूर या किसान के पास कुछ भी नहीं बचता. उन्होंने
पिछले साढ़े पांच साल से भूमि अधिग्रहण के खिलाफ चला रहे ग्रामवासियो को
भी नमन किया. उन्होंने सीकर, झुंझुनू इलाके में बढ़ते अवैध खनन और प्रदूषण
फ़ैलाने वाले बेलगाम उद्योग प्रतिष्ठानों पर चिंता जताते हुए कहा कि नीम
का थाना जैसे इलाकों में आज स्टोन क्रशर यूनिटों की वजह से हालात इतने
ख़राब हो गए हैं कि गाँवों से लोग भारी मात्रा में पलायन करने को मजबूर
हैं और जो लोग वहां रह भी रहे हैं वे पूरे समय मास्क आदि पहनकर घूमने को
मजबूर हैं.
ग्रामीण स्कूलों से हो रहा दोहरा व्यवहार
यात्रा की सर्वेक्षण टीम ने आज गोठडा, नवलगढ़ और मंडासी के सरकारी
विद्यालयों आदि का दौरा किया. सर्वे टीम ने पाया कि राजकीय उच्च माध्यमिक
स्कूल गोठडा में 4 शिक्षकों के पद रिक्त हैं वहीँ राजकीय बालिका उच्च
माध्यमिक विद्यालय मंडासी में सिर्फ एक ही पद रिक्त है. उल्लेखनीय है कि
लगभग सभी जिलों में सर्वे टीम ने पाया कि बड़े शहर, हाईवे आदि के पास वाले
विद्यालयों में शिक्षक अपना ट्रान्सफर करवाना चाहते हैं और दूर दराज़ के
इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों की अक्सर भरी कमी होती है. ऐसी परिस्थति
में एक पारदर्शी, प्रभावी और व्यापक विमर्श पर आधारित टीचर ट्रान्सफर
पालिसी की बहुत ज़रुरत है. राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल हरिजन बस्ती नवलगढ़
में प्रधानाचार्य अनुपस्थित पाए गए. वहां पर निवासियों ने बताया कि
शिक्षक अक्सर अनुपस्थित रहते है और जब आते भी हैं तो विद्यार्थिओं के
प्रति लचर व्यवहार रखते हुए कक्षा से बाहर बैठे रहते हैं.
नवलगढ़ और झुंझुनू में भी की सभाएं
यात्रा दल ने नवलगढ़ तथा झुंझुनू कलेक्ट्रेट और पुराने बस स्टैंड पर भी
इसी तरह नुक्कड़ सभाएं की. उल्लेखनीय है कि यात्रा द्वारा जवाबदेही कानून
के समर्थन में चलाये जा रहे हस्ताक्षर अभियान को सभी जगह भरपूर समर्थन मी
रहा है. अब तक 23 जिलों में हजारों लोग इस अभियान को अपना समर्थन डे चुके
हैं.
यात्रा के मुकेश गोस्वामी ने बताया कि यात्रा झुंझुनू के अन्य क्षेत्रों
में भी जाएगी और जनता की विभिन्न विभागों से सम्बंधित शिकायतों को दर्ज
कर उन्हें राजस्थान संपर्क पोर्टल के ज़रिये रिकॉर्ड भी करेगी तथा साथ ही
जिला कलक्टर तथा प्रशासन के साथ इन समस्याओं को लेकर विमर्श भी करेगी.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें –
सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान, राजस्थान की ओर से
संपर्क – निखिल डे – 94140041809414004180, मुकेश – 946886200
कमल – 94134572929413457292
हरिओम – 94138317619413831761 अमित -0987352210409873522104
फ़िरोज़ खान
मीडिया कॉडिनेटर
एच एम् आर सी बारां ।
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Invitation
सूचना एवं रोजगार अभियान , राजस्थान द्वारा राजस्थान के विभिन्न ज़िलों में जबाबदेही कानून की अलख जगाते हुये जबाबदेही यात्रा शनिवार, 13 फरवरी को दोपहर को खेतड़ी से होते हुए यह दोपहर 3 बजे के करीब यह रामकुमारपुरा गाँव में पहुचेगी जहाँ नुक्कड़ सभा का आयोजन किया जायेगा।
शाम 5 बजे खेतड़ी में रामायण सत्संग भवन के चबूतरे पर नुक्कड़ सभा होगी.
जबाबदेही यात्रा 13 फ़रवरी 2016 को रात्री विश्राम प्रजापति धर्मशाला, खेतड़ी में ही करेगी ।
01 दिसम्बर को जयपुर से शुरू हुई जवाबदेही यात्रा अब तक 23 जिलो में जा चुकी है, झुंझुनूं 24 वां जिला है। राजस्थान में एक सौ दिवसीय जवाबदेही यात्रा निकाली जा रही है । ये जनयात्रा समुचे प्रदेश में विभिन्न जनमुद्दों के प्रति सरकार की जबाब देही सुनिश्त करने के लिये जन अभियान करेगी ताकी महत्वाकाक्षी कानूनों नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन, सुनवाई और कार्यवाही को लेकर जबाबदेही स्थापित हो सके ।
इस जन यात्रा का मुख्य उदेश्य नागरिकों के संवैधानिक अधिकारो के प्रति सरकार की जबाब देही सुनिश्चत करना है ।
इन सौ दिनों के दौरान यह यात्रा राज्य के सभी 33 जिलों के साथ साथ करीब 100 से अधिक ब्लॉकों से गुजरेगी ।
इस यात्रा को राज्य के लगभग 90 से अधिक जन संघठनो; बुद्धिजीवियो, राज्य और देश के जन सरोकारों के प्रति जागरूक गायक ,नाटककार, चित्रकार आदि का सहयोग मिल रहा है।
बड़ीं संख्या में इसमे देश के विभिन संस्थानो में अध्यनरत छात्र भी जुड़े हुए है और इसे एक जनआन्दोलन बनाने में अपना योगदान दे रहे है ।इस यात्रा में शामिल होकर अभियान को सफल बनाने में सहयोग करे ।
संपर्क सूत्र: 77375383537737538353, प्रदीप 7023002128
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75th day of Jawabdehi Yatra (accountability yatra) Starting from 1st december 2015 , the yatra has now covered 24 districts of Rajasthan, Nearly 200 nukkad sabhas, 24 district conventions and has reached out to a wide section of people. Not for electoral campaign, not for reservation of a particular group nor for any religion. The yatra seeks accountability law to ensure that every government official,elected representative etc who gets paid by public money performs his duties and provides service on time and with quality. That every last person be able to get his rights and entitlements and be able to hold the government accountable for any violation. That when there is a grievance, the every person can raise question and receive an answer. That like a wage labourer, a government official not performing his or her duties be penalized or removed from work. The people of Rajasthan raise their demands and we march forth. Yatra currently in jhunjhunu district.
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प्रेस विज्ञप्ति
12.02.2016
जवाबदेही यात्रा झुंझुनू में
गोठडा के संघर्ष को यात्रिओं ने किया सलाम
बसावा, गोठड़ा, नवलगढ़, झुंझुनू राजस्थान
सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान द्वारा चलाई जा रही जवाबदेही यात्रा कल
देर शाम बसावा में पहुंची और एक नुक्कड़ सभा कर लोगों को जवाबदेही यात्रा
के उद्देश्यों के बारे में बताया.
इस सभा को संबोधित करते हुए सूचना रोज़गार अभियान के निखिल डे ने कहा कि
आखिर हम सरकार किसलिए बनाते हैं? क्यों सरकारी अधिकारिओं और कर्मचारिओं
को तनख्वाह और तमाम सुविधाएं दी जाती है इसीलिए कि आम जनता का जीवन सुगम
बने और उन्हें सम्मानपूर्वक जीवनयापन के लिए मूलभूत सुविधाएं मिलें लेकिन
आज व्यवस्था में बैठे लोग जनता का शोषण करने में लगे हुए हैं. उन्होंने
कहा कि मोटी तनख्वाहें पाने वाले सरकारी अधिकारी और कर्मचारी या फिर जनता
की सेवा के नाम पर जन-प्रतिनिधि बने लोग इन सबकी जनता के प्रति क्या
जवाबदेही है ये सबसे बड़ा सवाल है और इसी सवाल का जवाब ढूंढते हुए पिछले
73 दिनों से राजस्थान भर के 23 जिलों में जवाबदेही यात्रा घूम रही है और
लोगों से जवाबदेही कानून के लिए समर्थन ले रही है.
उल्लेखनीय है कि सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान द्वारा चलाई जा रही इस
यात्रा का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी मजबूत और जनोपयोगी जवाबदेही व्यवस्था के
लिए मांग करना है जिसमें ठीक से काम न करने वाले सरकारी कर्मचारिओं पर
पेनल्टी लगने, सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हुए नागरिकों को उचित
मुआवजा मिलने, और भ्रष्टाचार के आरोपी कर्मचारिओं पर कठोर कार्यवाही किये
जाने के प्रावधान हों.
गोठडा के संघर्ष को किया सलाम
गोठडा में यात्रा टीम ने एक रैली निकाली जिसमें विद्यार्थिओं ने भी भाग
लिया. रैली के बाद हुई सभा में कप्तान दीप सिंह ने यात्रा का स्वागत करते
हुए कहा कि ऐसे पावन उद्देश्य को लेकर चली इस यात्रा को हम पूरा समर्थन
देते हैं. उन्होंने कहा कि यही वे लोग हैं जो कि सूचना के अधिकार और
नरेगा जैसे कानूनों के लिए लडे थे और अंततः सफलता हासिल की थी और आज जब
ये लोग जवाबदेही कानून के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो हम सबको ये चाहिए कि
हम इनका पूरा सहयोग करें क्यूंकि अंततः जिन मुद्दों के लिए ये लड़ाई लड़ी
जा रही है वे किसी एक गाँव या जिले या राज्य तक सीमित नहीं हैं बल्कि
लोकतंत्र को सही अर्थों में स्थापित करने के लिए बेहद ज़रूरी है.
इस सभा को संबोधित करते हुए अभियान के शंकर सिंह ने कहा कि ज़मीन के चले
जाने के बाद एक गरीब मजदूर या किसान के पास कुछ भी नहीं बचता. उन्होंने
पिछले साढ़े पांच साल से भूमि अधिग्रहण के खिलाफ चला रहे ग्रामवासियो को
भी नमन किया. उन्होंने सीकर, झुंझुनू इलाके में बढ़ते अवैध खनन और प्रदूषण
फ़ैलाने वाले बेलगाम उद्योग प्रतिष्ठानों पर चिंता जताते हुए कहा कि नीम
का थाना जैसे इलाकों में आज स्टोन क्रशर यूनिटों की वजह से हालात इतने
ख़राब हो गए हैं कि गाँवों से लोग भारी मात्रा में पलायन करने को मजबूर
हैं और जो लोग वहां रह भी रहे हैं वे पूरे समय मास्क आदि पहनकर घूमने को
मजबूर हैं.
ग्रामीण स्कूलों से हो रहा दोहरा व्यवहार
यात्रा की सर्वेक्षण टीम ने आज गोठडा, नवलगढ़ और मंडासी के सरकारी
विद्यालयों आदि का दौरा किया. सर्वे टीम ने पाया कि राजकीय उच्च माध्यमिक
स्कूल गोठडा में 4 शिक्षकों के पद रिक्त हैं वहीँ राजकीय बालिका उच्च
माध्यमिक विद्यालय मंडासी में सिर्फ एक ही पद रिक्त है. उल्लेखनीय है कि
लगभग सभी जिलों में सर्वे टीम ने पाया कि बड़े शहर, हाईवे आदि के पास वाले
विद्यालयों में शिक्षक अपना ट्रान्सफर करवाना चाहते हैं और दूर दराज़ के
इलाकों के स्कूलों में शिक्षकों की अक्सर भरी कमी होती है. ऐसी परिस्थति
में एक पारदर्शी, प्रभावी और व्यापक विमर्श पर आधारित टीचर ट्रान्सफर
पालिसी की बहुत ज़रुरत है. राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल हरिजन बस्ती नवलगढ़
में प्रधानाचार्य अनुपस्थित पाए गए. वहां पर निवासियों ने बताया कि
शिक्षक अक्सर अनुपस्थित रहते है और जब आते भी हैं तो विद्यार्थिओं के
प्रति लचर व्यवहार रखते हुए कक्षा से बाहर बैठे रहते हैं.
नवलगढ़ और झुंझुनू में भी की सभाएं
यात्रा दल ने नवलगढ़ तथा झुंझुनू कलेक्ट्रेट और पुराने बस स्टैंड पर भी
इसी तरह नुक्कड़ सभाएं की. उल्लेखनीय है कि यात्रा द्वारा जवाबदेही कानून
के समर्थन में चलाये जा रहे हस्ताक्षर अभियान को सभी जगह भरपूर समर्थन मी
रहा है. अब तक 23 जिलों में हजारों लोग इस अभियान को अपना समर्थन डे चुके
हैं.
यात्रा के मुकेश गोस्वामी ने बताया कि यात्रा झुंझुनू के अन्य क्षेत्रों
में भी जाएगी और जनता की विभिन्न विभागों से सम्बंधित शिकायतों को दर्ज
कर उन्हें राजस्थान संपर्क पोर्टल के ज़रिये रिकॉर्ड भी करेगी तथा साथ ही
जिला कलक्टर तथा प्रशासन के साथ इन समस्याओं को लेकर विमर्श भी करेगी.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें –
सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान, राजस्थान की ओर से
संपर्क – निखिल डे – 94140041809414004180, मुकेश – 946886200
कमल – 94134572929413457292
हरिओम – 94138317619413831761 अमित -0987352210409873522104
फ़िरोज़ खान
मीडिया कॉडिनेटर
एच एम् आर सी बारां ।
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शाहाबाद । कमलखेड़ा गांव में काफी समय से नरेगा कार्य नही चलने के कारण करीब 12 सहरिया परिवार पलायन कर गए है । गांव के किशन लाल सहरिया ने बताया की नरेगा के लिए आवेदन भी कर रखे हे उसके बाद भी लोगो को रोजगार नही मिल रहा है । इस कारण विजय सिंह, कल्लू, कल्याण, जगन लाल सहित करीब 12 परिवार करीब आठ माह से पलायन पर है । ज्ञात रहे की यह गांव 2002 में भी सुर्ख़ियो में रहा था तब यहाँ भूख से मौते हो गयी थी । इस गांव को लालखाकरि के नाम से भी जाना जाता है । इसी तरह सुखा सेमली गांव में 125 परिवार निवासरत हे, प्रकाश सहरिया ने बताया कि दीपावली से नरेगा कार्य बंद हे, जबकि लोगो ने आवेदन भी कर रखे हे । वही हतवारि ग्राम में भी नरेगा कार्य बंद हे, जिस कारण करीब 40- 50 सहरिया परिवार नाहरगढ क्षेत्र में फसल कटाई करने के लिये पलायन कर गए हे । जब गांव के लोगो जानना चाहा कि लोग कहा चले गए तो बताया की काफी समय से ग्राम पंचायत ने नरेगा कार्य बंद कर रखा हे,ओर जब पूछते हे तो यह कह कर टाल दिया जाता हे कि गांव में नरेगा काम के लिए जगह नही है । इसी तरह अचारपुरा निवासी कर्ण सिंह भील ने बताया की करीब 3 साल से नरेगा कार्य बंद हे । यहाँ करीब 18 परिवार निवास करते हे । इस कारण लोग बेरोजगार बेठे है । बिची ग्राम पंचायत के ग्रामसेवक का कहना कि अचारपुरा के लोगो ने अभी तक बैंक में खाते नही खुलवा रखे हे, इस कारण कार्य चालू नही हे, लोग जेसे ही खाते खुलवा लेंगे कार्य चालू कर दिया जावेगा । वही नरेगा श्रमिको का कहना हे कि आवेदन करने के बाद दी जाने वाली पावती रसीद भी नही दी जा रही है । इसी तरह किशनगंज क्षेत्र में भी लोगो को पावती रसीद नही मिल रही है ।
फ़िरोज़ खान
मीडिया कॉडिनेटर
एच एम् आर सी बारां ।
फ़ोटो– कमलखेड़ा गांव के 12 परिवार रोजगार के अभाव में पलायन पर चले गए ।
प्रेस विज्ञप्ति
13.02.2016
जवाबदेही यात्रा का 75वां दिन जोशो-खरोश से संपन्न;
खतेहपुरा, करमाड़ी, पपुरना, खेतड़ी आदि इलाकों में जगाई अलख
खतेहपुरा, करमाड़ी, पपुरना, खेतड़ी, झुंझुनू, राजस्थान
सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान द्वारा चलाई जा रही जवाबदेही यात्रा आज
झुंझुनू के खतेहपुरा में पहुंची और एक नुक्कड़ सभा कर लोगों को जवाबदेही
यात्रा के उद्देश्यों के बारे में बताया.
इस नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए सूचना रोज़गार अभियान के मुकेश
गोस्वामी ने कहा कि सरकारें एक के बाद एक वेतन आयोग सरकारी कर्मचारिओं के
लिए बनाती आयीं हैं. उन्होंने कहा कि सिर्फ केंद्र सरकार ही सातवें वेंतन
आयोग की सिफारिशों को लागू करने के लिए 1 लाख बीस हज़ार करोड़ रुपये सालाना
खर्च करने वाली है तो फिर जब सभी राज्य सरकारें भी सातवें वेतन आयोग की
सिफारिशों की तरह सरकारी कर्मचारिओं की तनख्वाहें बढ़ा देंगी तो सरकारी
खजाने पर कितना भारी बोझ पड़ेगा. उनका कहना था कि इतनी बड़ी-बड़ी तनख्वाहें
लेने वाले इन सरकारी अधिकारिओं और कर्मचारिओं की आखिर कोई तो जवाबदेही
होनी चाहिए; अगर सरकारी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं और गरीब
और वंचित लोगों तक उनका लाभ नहीं मिलता तो उसके लिए किसी की तो
ज़िम्मेदारी तय करनी होगी और गरीब लोगों को उनका हक दिलाना होगा. उन्होंने
कहा कि इस सबके लिए ज़रूरी है कि एक पुख्ता जवाबदेही कानून लाया जाये
जिसमें ये व्यवस्था हो कि रिश्वत मांगने वाले और भ्रष्टाचारी कर्मचारिओं
को बर्खास्त कर जेल भेजने की व्यवस्था हो.
उल्लेखनीय है कि सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान द्वारा चलाई जा रही इस
यात्रा का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी मजबूत और जनोपयोगी जवाबदेही व्यवस्था के
लिए मांग करना है जिसमें ठीक से काम न करने वाले सरकारी कर्मचारिओं पर
पेनल्टी लगने, सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हुए नागरिकों को उचित
मुआवजा मिलने, और भ्रष्टाचार के आरोपी कर्मचारिओं पर कठोर कार्यवाही किये
जाने के प्रावधान हों. इस कानून के मसौदे को अभियान द्वारा जनता के समक्ष
रखा जा रहा है और उनसे इस पर समर्थन भी लिया जा रहा है.
बेटियां हैं अनमोल
खतेहपुरा में हुई एक सभा को संबोधित करते हुए अभियान के निखिल डे ने कहा
कि हम इस गाँव द्वारा चलायी गयी ‘बेटी बचाओ’ की मुहिम को सलाम करते हैं
और इस मुहिम को हम पूरे राजस्थान तथा देश के अन्य क्षेत्रों में भी एक
मिसाल की तरह ले जायेंगे. उन्होंने खतेहपुरा की महिलाओं को महिला हिंसा
के खिलाफ चलाये जा रहे अंतर्राष्ट्रीय प्रयास ‘वन बिलियन राईजिंग’ (उमड़ते
सौ करोड़) से जुड़कर महिला हिंसा को ख़त्म करने की ओर बढ़ने का आव्हान किया.
उन्होंने सभी उपस्थित लोगों से जवाबदेही यात्रा के प्रयासों में सहभागी
बनने का भी आव्हान किया.
उरमूल ज्योति बीकानेर के मोहन सिंह ने इस अवसर पर कहा कि बेटियां वाकई
में अनमोल हैं और राजस्थान जैसे प्रदेश में जहाँ कई इलाकों में
लिंगानुपात की स्थिति चिंताजनक है वहां खतेहपुरा एक अनुकरणीय उदाहरण है
जिससे सभी लोगों को सबक लेना चाहिए.
कलमाड़ी में हुई नुक्कड़ सभा को मिशन परिवर्तन के श्रीचंद सैनी ने भी
संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को हम चुनकर अपने प्रतिनिधिओं
के तौर पर चुनते हैं और जो सरकारी नौकरशाह हमारे लिए काम करते हैं वे आज
बेलगाम हो गए हैं. उन्होंने कहा कि ये ज़रूरी है कि सवाल पूछने और जवाब
मांगने की एक पुख्ता व्यवस्था कायम हो.
इन्दाली के सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में सुविधाओं की कमी
यात्रा के सर्वेक्षण दल की अस्वती वरिएर ने बताया कि इन्दाली के
सामुदायिक स्वास्थय केंद्र को 2013 में उप-स्वास्थय केंद्र से क्रमोन्नत
किया गया था लेकिन आज भी यह उसी भवन में चल रहा है और यहाँ चिकित्सक के
लिए एक कमरे के अलावा सिर्फ एक ही कमरा और है जिससे मरीजों को काफी
परेशानी का सामना करना पड़ता है क्यूंकि ससाधनों के आभाव में न तो यहाँ
ऑपरेशन होते हैं और न ही मरीजों को भर्ती किया जाता है. यहाँ अधिकतर
मरीजों को रेफर कर अन्य अस्पतालों में भेज दिया जाता है.
कल झुंझुनू जिलाधीश एवं अन्य अधिकारिओं से मिलेगा प्रतिनिधिमंडल
सूचना के अधिकार मंच जयपुर के मुकेश गोस्वामी ने बताया कि कल यात्रा का
एक प्रतिनिधिमंडल झुंझुनू जिला कलेक्टर तथा अन्य अधिकारिओं से मिलेगा तथा
पिछले तीन दिनों के दौरान यात्रा दल द्वारा देखी गयी समस्याओं को उनके
समक्ष रख उनके समाधान हेतु प्रयास करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि यात्रा
अब तक 7,000 से भी ज्यादा शिकायतें दर्ज कर चुकी है जिनके उचित निस्तारण
के लिए यात्रा दल ने एक हेल्पलाइन (88904060728890406072) भी बनायीं है जिसपर
शिकायत दर्ज करने वाले लोग अपनी शिकायत पर हो रही कार्यवाही के बारे में
जान सकते हैं. इन सभी शिकायतों को राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज किया
जायेगा.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें –
सूचना एवं रोजगार अधिकार अभियान, राजस्थान की ओर से
संपर्क – निखिल डे – 94140041809414004180, मुकेश – 946886200
कमल – 94134572929413457292
हरिओम – 94138317619413831761 अमित -0987352210409873522104
फ़िरोज़ खान
मीडिया कॉडिनेटर
एच एम् आर सी बारां ।
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Jawabdehi yatra day 75
Khatehpura village, Jhunjhunu
13.02.16
(Meeting 1)
In 2010, the residents of Khatehpura village, with the help of the then sarpanch, Saroj Ji, identified 43 households with only girl children. The villagers swore an oath that they would support and honour the families so that in stead of feeling discriminated against, they would feel celebrated. This marked the beginning of the ‘Beti Bachao Beti Padhao’ movement in Jhunjhunu, Rajasthan. This experiment proved so successful that collector used it as a model at the district level; 45,000 families took the same oath. The campaign ultimately resulted in a drastic improvement in the gender ratio of Jhunjhunu.
Sarojji who was present at the Jawabdehi yatra sabha spoke briefly but astutely. She pointed out that women have rights on paper which don’t translate into reality. She voiced her support for the yatra and said she would like to see more people raising women’s issues in the area. She said the Beti bachao campaign wouldn’t have been possible without the support from the village and from Mahavir Singh, a government official also present at the meeting. Mahavirji has played a role in getting women in this area, who hold public posts, to give up the veil.
Several members of the yatra expressed how inspired they were by the actions of the village –
Mukesh Goswami spoke on how despite women’s reservation in panchayat elections there still exists a deep inequality which must be dealt with for true development to take place.
Ashwati Warrier said being from Kerala she was impressed by what the women had managed to achieve. However, that they must fight harder to hold public institutions accountable, ask difficult questions and demand answers; not be content with their lot.
Kani Devi echoed this emotion by saying that with one finger one can’t do much, but with a whole fist we can hold government accountable. This idea that alone we may be vulnerable but that a shared experience makes us stronger was touched upon by Nikhil Dey, who spoke of the universality of gender oppression. He pointed out that violence against women comes in many forms and is experienced throughout the world. The One Billion Rising (OBR) movement which recognises this celebrates its anniversary tomorrow, on the 14th of February.
No sabha can be complete without a song or two. In accordance with the tenor of the meeting, Mohan Ram Sansi chose songs on the importance of a daughter, and of educating girl children.
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